नवरात्र में कई लोग नौ दिन का व्रत रखते हैं। कुछ व्रती एक समय फलाहार लेते हैं तो कुछ बिना फलाहार लिए पूरे नौ दिन का व्रत रखने का संकल्प लेते हैं। व्रत निभाने के लिए शरीर में ऊर्जा होना भी जरूरी है। इसके लिए हम कुछ आहार सुझाव लेकर आए हैं। परहेज कैसे करना है, यह तो व्रती को मालूम होता है, लेकिन इस बात का भी पूरा ध्यान रहे कि आहार में क्या-क्या शामिल करना है। किस समय, क्या खाएं कि भक्ति के लिए शक्ति बनी रहे।
कुछ व्रती एक दिन में सिर्फ एक चीज का सेवन करने का संकल्प लेते हैं जैसे लौंग। ऐसे लोग नवरात्र शुरू होने के 1-2 दिन पहले से भोजन में धीमा परिवर्तन कर सकते हैं। अपने भोजन में दूध या इसके खाद्य पदार्थ जैसे दही, पनीर लें। फल, जूस, लस्सी, नारियल पानी, सूप, सूखे मेवे, अलसी, कद्दू के बीज और सूरजमुखी के बीज का सेवन करें। गेहूं की रोटी की जगह रागी, ज्वार या बाजरा के आटे की रोटी खाएं। एक दिन के तीन समय के भोजन में अलग-अलग दालें शामिल करें। इसके अलावा नारियल, अनानास , पिंड खजूर लें। शक्कर की जगह गुड़ या शहद का इस्तेमाल करें। हाइड्रेटेड रहने के लिए नींबू पानी पिएं। सभी मौसमी फलों का सेवन करें। इन्हें आहार में शामिल करने से कैल्शियम और पोषक तत्व शरीर में बने रहेंगे।
कुछ व्रती पूरे दिन में सिर्फ एक बार फलाहार लेते हैं। ऐसे में फुल डाइट ग्रहण करें। फुल डायट यानी जिसमें दूध से बने खाद्य पदार्थ, सब्जियां, फल, मेवा आदि शामिल रहे। राजगीरा भी ले सकते हैं। ये प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन-ई और विटामिन-सी से भरपूर है। इसमें अधिक फाइबर और आयरन होता है। दूध या अन्य अनाज केमुकाबले दोगुना कैल्शियम होता है। वहीं नट्स में मूंगफली लें। फलाहार में दही या दूध शामिल करें। पनीर, मावा, अलग-अलग तरह और रंग के फल, पत्तेदार हरी सब्ज़ियां लें। मीठे में अखरोट का हलवा, रसगुल्ला, संदेश, रबड़ी आदि लें।
कुछ व्रती दिनभर व्रत रखते हैं और रात में अन्न ग्रहण करते हैं। अगर संकल्प सिर्फ एक समय अन्न ग्रहण करने का है तो रात के बजाय दिन में भोजन करें। दिन भर कुछ नहीं खाने के बाद रात में भोजन करने से शरीर उसे पचा नहीं पाता है। इससे शरीर को पोषण भी नहीं मिल पाता है। व्रत खोलने के लिए पराठे ले सकते हैं। रोटी या पराठे का आटा दूध से गूंध सकते हैं। भोजन में सभी दालें, अनाज, हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सेवन करें। वहीं साथ में एक पूरी सब्जी जरूर लें जैसे लौकी, भिंडी या टमाटर। इनके साथ छाछ और नारियल या मावे की मिठाई लें।
अमूमन लोग पूरे नौ दिन व्रत रखने के बाद जब व्रत खोलते हैं तो एक-साथ अधिक मात्रा में भोजन ग्रहण कर लेते हैं। ये तरीका गलत है। व्रत के बाद तीन-चार दिन में धीरे-धीरे भोजन की मात्रा बढ़ाना चाहिए।
फलाहार में ज्यादातर लोग आलू, चिप्स, साबूदाना के बड़े या खिचड़ी खाते हैं। आलू में कैलोरी ज्यादा होती है। इसलिए आलू का सेवन नहीं करें। वहीं साबूदाने में भी कैलोरी अधिक होती है इससे परहेज करें। इसकी जगह मोरधन ले सकते हैं। अगर साबूदाना खाना ही है तो इसमें आलू की जगह कई तरह की सब्जियां डाल सकते हैं। व्रत के दौरान मक्खन या घी-तेल का अधिक सेवन नहीं करें।
अगर नवरात्र में पूरे नौ दिन तक व्रत कर रहे हैं तो आहार का ध्यान रखें। इस दौरान शरीर को ऊर्जा की अधिक आवश्कता होती है। ऐसे में फलाहार को चार हिस्सों में बांट सकते हैं।
सुबह नाश्ते में
दूध, फल, सूखे मेवे या इनका शेक ले सकते हैं।
दोपहर के भोजन में रोटी (कुट्टू का आटा, राजगीरा का आटा, सिंघारे का आटा ,सम के चावल का आटा ),
सब्जियां, दही, फल ले सकते हैं।
शाम के आहार में
लस्सी, मूंगफली के दाने, रोस्टेड मखाने, सूखे मेवे लें या कोकोनट क्रश ले सकते हैं।
रात का भोजन
गरबा करने के एक-दो घंटे पहले भोजन लें ताकि इसे पचने का समय मिल सके। गरबे के कुछ मिनट पहले भोजन करने पर पेट दर्द जैसी समस्या हो सकती है।आहार में राजगीरे का उपमा, दो तरह के फल, सूखे मेवे लें। ये हल्के होने के साथ-साथ पौष्टिक भी होते हैं।
हायड्रेटेड रहने के लिए
गरबे के दौरान पसीना अधिक निकलता है जिससे शरीर में पानी की कमी होने लगती है। इसके लिए मिश्री-नींबू का पानी, ग्लूकोज या नारियल पानी का सिप बीच-बीच में लेते रहें। इसके अलावा गरबा करने के बाद हल्दी या केसर वाला दूध या खजूर का दूध ले सकते हैं।