मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य में जनगणना कराने का निर्णय निश्चित रूप से सर्वसम्मति से होगा। इसको लेकर सभी दलों से बातचीत होगी। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को दिल्ली से लौटने के बाद पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों के सवालों के जवाब में ये बातें कहीं।
दिल्ली में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के दिए जातीय जनगणना के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने क्या कहा, हमें मालूम नहीं है। उनसे अभी हमारी कोई बातचीत नहीं है। जातीय जनगणना को लेकर उनकी पार्टी के नेता और उनके पुत्र (तेजस्वी यादव) समेत अन्य दूसरे लोगों ने हमसे मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री जी से भी हमलोगों ने इस मुद्दे पर मुलाकात की थी। केंद्र ने भी इस विषय पर अपना निर्णय लिया है। उसके बाद हमलोगों ने भी बहुत साफ-साफ कह दिया है कि आपस में हम सब बैठक कर राज्य के बारे में निर्णय लेंगे। इसको लेकर तेजस्वी यादव ने जो चिट्ठी लिखी थी, वह उनकी पार्टी की तरफ से आया हुआ है और वह चिट्ठी रखी हुई है।
सीएम ने कहा कि हम तो प्रारंभ से ही कहते रहे हैं कि हर आदमी एक विचार का होगा, यह संभव नही है। मनुष्य का जो स्वभाव होता है, यह सभी को मालूम है। हमलोग यह मानकर चलते हैं कि कुछ लोग मेरे खिलाफ रहेंगे। शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए हमलोगों को पूरा प्रयास करना चाहिए, सबको समझाना भी चाहिए। हमने साफ कर दिया है कि शराबबंदी का उल्लंघन करने वालों पर कानून के मुताब़िक एक्शन होना चाहिए। हमलोगों ने 16 नवंबर को सात घंटे तक बैठक कर एक-एक चीजों पर चर्चा की। हमलोगों ने शुरुआती दौर में इसके लिए जो नियम-कानून बनाये हैं, इसके अलावा लगातार अभियान भी चलाते रहे हैं। अलग-अलग समय पर नौ बार इसकी समीक्षा भी की है। इन बैठकों में जितनी बातें कही गयीं, उन सब पर चर्चा की गयी। इसके बारे में हमने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि पूरे तौर पर आप काम करिए।
क सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि विधि-व्यवस्था को लेकर और अपराध के खिलाफ जैसी कार्रवाई होती है, उसी तरह शराबबंदी पर भी पूरी सक्रियता के साथ कार्रवाई करनी है। इसके लिए फिर से व्यापक अभियान भी हम चलाएंगे। पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग मेरे इस फैसले के खिलाफ हैं और धंधेबाज चाहते हैं कि शराबबंदी कानून विफल हो जाए।