तालिबान ने घोषणा की है कि मुल्ला हिबतुल्ला अखुंदजादा अफगानिस्तान का सर्वोच्च नेता होगा और उसके अंतर्गत एक प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति देश का संचालन करेगा। यह जानकारी तोलो समाचार एजेंसी ने दी है।तालिबान के संस्कृति आयोग के सदस्य अनामुल्ला समांगनी के हवाले से बताया गया है कि अखुंदजादा नई सरकार का नेता भी होगा। तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टैनिकज़ई के हवाले से पाझवोक डॉट कॉम ने रिपोर्ट किया है कि कथित इस्लामिक अमीरात अगले दो दिनों में अपनी नई सरकार की घोषणा करेगा।

समांगनी ने कहा कि नई सरकार के बारे में सलाह-मशविरा लगभग पूरा हो चुका है और कैबिनेट के बारे में आवश्यक विचार-विमर्श पूरा कर लिया गया है।तालिबान ने ईरान के मॉडल के आधार पर सरकार बनाने का निर्णय किया है, जिसमें सर्वोच्च नेता देश का अध्यक्ष होगा और वह सर्वोच्च राजनीतिक तथा धार्मिक पदाधिकारी होगा जो राष्ट्रपति से भी ऊपर होगा।

मुल्क के संचालन के लिए गठित शूरा काउंसिल की कमान अखुंदजादा के हाथों में होगी। सरकार में एक प्रधानमंत्री भी होगा जिसकी अपनी कैबिनेट होगी। समनगनी का कहना है कि सरकार में अखुंदजादा की मौजूदगी को लेकर कोई संदेह ही नहीं है। वह सरकार के नेता होंगे और इस पर कोई सवाल नहीं होना चाहिए।

तालिबान पहले ही प्रांतों और जिलों के लिए गवर्नर, पुलिस प्रमुख और पुलिस कमांडर नियुक्त कर चुका है। तालिबान के एक सदस्य अब्दुल हनान हक्कानी ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया को बताया है कि इस्लामिक अमीरात हर प्रांत में सक्रिय है। प्रत्येक प्रांत में एक राज्यपाल बनाया गया है जिसने काम करना शुरू कर दिया है। प्रत्येक जिले के लिए एक जिला गवर्नर और प्रत्येक प्रांत में एक पुलिस प्रमुख भी बनाया गया है। तालिबान ने अपनी पहली सरकार 1996 से 2001 तक शरीया कानून के तहत चलाई थी और इस कानून को क्रूरता से लागू किया था।

विश्लेषकों का कहना है कि नई सरकार को अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं और निवेशकों का कितना समर्थन मिलता है यह देखना महत्वपूर्ण है। क्योंकि नई सरकार की वैधता अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण होगी, जो तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद लगभग ढहने के कगार पर है। देश अभी सूखे और आर्थिक तंगी की मार भी झेल रहा है।

 

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