प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत वित्तीय लाभ की अगली किस्त जारी कर दी है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने किसान लाभार्थियों से भी बातचीत की। 9.75 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को 19,500 करोड़ रुपये राशि के हस्तांतरण किया गया। यह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत वित्तीय लाभ की 9वीं किस्त थी।


सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भविष्य में किसानो की भूमिका की चर्चा की , उन्होंने कहा की 2047 में भारत की स्थिति को निर्धारित करने में हमारी कृषि और हमारे किसानों की बड़ी भूमिका रहेगी, जब देश स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा। इसी तरह प्रधानमंत्री ने देश के किसानों द्वारा उनके आग्रह को स्वीकार करने और पिछले 06 वर्षों में दालों का उत्पादन बढ़ाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया, और ये भी बताया की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से अब तक की सबसे बड़ी खरीद, 1,70,000 करोड़ रुपये धान किसानों के खातों में और लगभग 85,000 करोड़ रुपये गेहूं किसानों के खातों में सीधे भेजे गए है।
राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-पाम तेल (एनएमईओ-ओपी) के अंतर्गत देश ने खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता का संकल्प लिया है, खाद्य तेल इकोसिस्टम में 11,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा और प्रधान मंत्री मोदी ने ये भी बताया की कृषि निर्यात के मामले में भारत पहली बार दुनिया के शीर्ष-10 देशों में शामिल हुआ है।
देश की कृषि नीतियों में छोटे किसानों को अब सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। पिछले कुछ वर्षों से इन छोटे किसानों को सुविधा और सुरक्षा प्रदान करने के लिए अत्‍यंत गंभीरतापूर्वक प्रयास किए जा रहे हैं।कोरोना काल के दौरान 2 करोड़ से भी अधिक किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए, जिनमें से अधिकांश छोटे किसानों को दिए गए। ऐसे ही किसान देश में स्‍थापित की जा रही कृषि संबंधी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं और कनेक्टिविटी संबंधी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं से लाभान्वित होंगे। फूड पार्क, किसान रेल और इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड जैसी पहलों से छोटे किसानों को काफी मदद मिलेगी। बीते साल इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत 6 हजार से भी ज्यादा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

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