अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित 23 वर्षीय मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन ने 4-1 से जीत के साथ अंतिम चार में जगह बनाई, जहां वह मौजूदा विश्व चैंपियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली से भिड़ेंगी। बुसेनाज सुरमेनेली ने अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में यूक्रेन की अन्ना लिसेंको को हराया था।

लवलीना बोर्गोहेन ने 30 जुलाई को सेमीफाइनल में प्रवेश करने के लिए चीनी ताइपे की पूर्व विश्व चैंपियन निएन-चिन चेन को हराकर चल रहे ओलंपिक खेलों में भारत को मैरी कॉम और विजेंदर सिंह के बाद मुक्केबाजी पदक दिलाना तय किया है। अगला मैच वो हार भी जाएंगी तो भी कांस्य पदक उनके लिए पक्का है, अगर जीतेंगी तो स्वर्ण और रजत पदक के फाइनल खेलेंगी।

लवलीना से पहले मैरी कॉम ने 2012 ओलिंपिक में मुक्केबाज़ी में कांस्य पदक जीता था, 2020 ओलिंपिक में भी मैरी कॉम से बहुत उम्मीदें थी पर एक विवादास्पद निर्णय के कारण वो पदक के दौर से बाहर हो गयी है।

लवलीना के उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए, उन्होंने 2018 और 2019 एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था, जहां पहली बार भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला था। 2018 में उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित पहले इंडिया ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने गुवाहाटी में आयोजित दूसरे इंडिया ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में रजत पदक भी जीता था।

2020 में, उन्हें मुक्केबाजी में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 2020 में ही लवलीना ने एशिया और ओशिनिया बॉक्सिंग ओलंपिक क्वालीफायर में कांस्य पदक जीतकर टोक्यो ओलंपिक में अपनी जगह बनाई थी।

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