अमेरिकी नौसेना ने भारतीय नौसेना दो MH-60R मल्टी रोल हेलीकॉप्टर सौप दिया है, इसी स्थानांतरण के साथ भारत-अमेरिका रक्षा संबंध और अधिक मजबूत हो गए है, भारतीय नौसेना लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित 24 हेलीकॉप्टरों को अमेरिकी सरकार से 2.4 बिलियन अमरीकी डालर की अनुमानित लागत से खरीद रही है। नेवल एयर स्टेशन नॉर्थ आइलैंड, सैन डिएगो में शुक्रवार को एक समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें अमेरिकी नौसेना से भारतीय नौसेना में हेलीकॉप्टरों के औपचारिक हस्तांतरण को चिह्नित किया गया था। इसमें अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने भाग लिया।इस समारोह में वाइस एडमिरल केनेथ व्हाइटसेल, कमांडर नेवल एयर फोर्सेज, यूएस नेवी और वाइस एडमिरल रवनीत सिंह, डीसीएनएस के बीच दस्तावेजों का आदान-प्रदान भी हुआ। अमेरिकी नौसेना और लॉकहीड मार्टिन कॉरपोरेशन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
यह एक हर मौसम चलने वाला हेलीकॉप्टर है जिसे अत्याधुनिक सेंसर के साथ डिज़ाइन किया गया है, ये कई तरह के सैन्य मिशन में इस्तेमाल हो सकता है। हेलीकॉप्टरों को कई भारतीय विशिष्ट उपकरणों और हथियारों के साथ भी संशोधित किया जाएगा। इन हेलीकॉप्टरोंको शामिल करने से भारतीय नौसेना की त्रि-आयामी क्षमताओं में और वृद्धि होगी। इन शक्तिशाली हेलीकॉप्टरों को सीखने के लिए भारतीय चालक दल का पहला बैच वर्तमान में यूएसए में प्रशिक्षण ले रहा है।
राजदूत संधू ने समारोह में कहा कि सभी मौसमों में बहु-भूमिका वाले हेलीकॉप्टरों को शामिल करना भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। रक्षा विभाग के अनुसार, प्रस्तावित बिक्री भारत को खोज और बचाव, और संचार रिले जैसे मिशनों को करने की क्षमता के साथ-साथ एंटी-सतह और पनडुब्बी रोधी युद्ध मिशन करने की क्षमता प्रदान करेगी।
भारत अपनी बढ़ी हुई क्षमता का उपयोग क्षेत्रीय खतरों के लिए एक निवारक के रूप में और अपनी मातृभूमि की रक्षा को मजबूत करने के लिए करेगा। भारत को इन हेलीकॉप्टरों को अपने सशस्त्र बलों में समाहित करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। भारतीय कैबिनेट ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक यात्रा से हफ्तों पहले फरवरी 2020 में हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी।