ताशकंद में मध्य और दक्षिण एशिया संपर्क सम्मेलन में आरोप लगते हुए अफगानी प्रेसिडेंट गनी ने कहा पाकिस्तान ने आतंकी समूहों से अपने संबंध नहीं तोड़े हैं वो भी तब जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान मंच पर कुछ फुट की दूरी पर बैठे थे| राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कड़े शब्दों में कहा कि पिछले महीने पाकिस्तान से 10,000 से अधिक ‘जिहादी’ लड़ाके अफगानिस्तान में प्रवेश कर चुके हैं, खुफिया रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तान सरकार तालिबान को शांति वार्ता में गंभीरता से भाग लेने के लिए मनाने में विफल रही|
प्राइम मिनिस्टर इमरान खान ने जवाब देते हुए कहा की पिछले 15 वर्षों में पाकिस्तान को 70,000 मौतों का सामना करना पड़ा है। खान ने सीधे अफगान राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए कहा “मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि पाकिस्तान की तुलना में किसी भी देश ने तालिबान को वार्ता की मेज पर लाने की अधिक कोशिश नहीं की है। हमने सैन्य कार्रवाई करने के अलावा सभी कार्रवाई की है, और उन्हें वार्ता की मेज पर लाने का हर संभव प्रयास किया है।
आज दिन में ही अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह द्वारा आरोप लगाया गया है कि पाकिस्तान की सेना ने अफगान वायु सेना के खिलाफ मिसाइल लॉन्च की धमकी दी है, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इस दावे का खंडन किया है. इसने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की संप्रभुता को स्वीकार किया है।
मध्य और दक्षिण एशिया संपर्क सम्मेलन भारत की तरफ से विदेश मंत्री जयशंकर हिस्सा ले रहे थे, और उन्होंने कहा “सैद्धांतिक रूप में समर्थन का दावा करते हुए पर सच्चाई में रास्तो को अवरुद्ध करने से किसी को लाभ नहीं होता है। व्यापार अधिकारों और दायित्वों का एकतरफा दृष्टिकोण कभी काम नहीं कर सकता। कोई भी गंभीर संपर्क कभी भी एकतरफा नहीं हो सकता है, ”श्री जयशंकर ने वाघा सीमा के माध्यम से भूमि मार्ग पर अफगानिस्तान को भारतीय व्यापार की अनुमति देने से पाकिस्तान के इनकार के संदर्भ में कहा। उज्बेकिस्तान और भारत ने सम्मेलन के दौरान छाबर पोर्ट पर काम करने के लिए भारत-उज्बेकिस्तान-ईरान-अफगानिस्तान चतुर्भुज कार्य समूह के गठन की घोषणा की।