उत्तरी पाकिस्तान के सुदूर इलाके में बुधवार को एक बस को निशाना बनाकर किए गए विस्फोट में कम से कम 9 चीनी नागरिकों और 2 पाकिस्तानी सैनिकों सहित कम से कम 13 लोग मारे गए, ऐसा माना जा रहा है की मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है| यह घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के ऊपरी कोहिस्तान जिले के दसू इलाके में हुई, जहां चीनी इंजीनियर और निर्माण श्रमिक पाकिस्तान को एक बांध बनाने में मदद कर रहे हैं, जो 60 अरब अमेरिकी डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का हिस्सा है।

बताया जा रहा है कि विस्फोट करने के लिए आईईडी का इस्तेमाल हुआ है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दसू बांध पर काम कर रहे चीनी इंजीनियरों को लेकर बस जा रही थी, जिसमे तीस इंजीनियर और कर्मचारी मौजूद थे। बस की सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी सैनिक भी उसमे मौजूद थे। बस में अचानक एक बड़ा विस्फोट हुआ और बस खाई में चली गयी|

बीजिंग में, चीन ने दसू जल विद्युत संयंत्र के पास बस पर “बम हमले” की निंदा की और पाकिस्तान सरकार से इसके पीछे अपराधियों को कड़ी सजा देने का आह्वान किया। सीपीईसी ( CPEC) के तत्वावधान में कई परियोजनाओं पर काम करने के लिए हजारों चीनी कर्मियों को पाकिस्तान में तैनात किया गया है। पहले से भी चीन की थोड़ी बहुत आर्मी सीपीईसी ( CPEC) की रखवाली के लिए मौजूद है पर चीन इसका इस्तेमाल इस क्षेत्र में अपने सैनिकों को तैनात करने और क्षेत्र (अफगानिस्तान सहित) में अपनी सैन्य उपस्थिति का विस्तार करने के लिए कर सकता है।

इसी हमले के साथ आतंकवाद पे चर्चा शुरू हो गयी है, कुछ राष्ट्र अभी भी आतंकवाद को परिभाषित नहीं कर पाए हैं। “अच्छा आतंकवाद” और “बुरा आतंकवाद” क्या है, इस पर बहस चल रही है। यदि हम आतंकवाद में अंतर करते हैं तो हम मानवता को नहीं बचा सकते। आतंकवाद आतंकवाद है, आतंकवादी आतंकवादी हैं। पिछले दिनों ही पाकिस्तान की सेना द्वारा आतंकी संगठन के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा था और इस दौरान ही आतंकियों ने सेना पर ही हमला कर दिया था। इस हमले में कैप्टन सहित 12 जवानों की मौत हुई थी।

By Vikram